Wednesday, 9 January 2019

जब आप से पढाई ना हो....

जब आप से पढाई ना हो और मन नही लगे तो एक बार

इसे पढ़ लेना शायद पढाई होने लगे .............

आज मायूस है तू आज डरा हुआ है तू

आखिर क्या मायूस होना जीत है

क्या डर के खामोस बैठ जाना जीत है

अरे तू कभी ख़ुद्दार हुआ करता था

अरे तू कभी रातो पढ़ा करता था

फिर आज ये डर कैसा, ये मायूसी कैसी?

क्या भूल गया वो पल जब तूने घर से बैग उठाया था

क्या बोला था दोस्त को ,क्या बोला था जलने

वालो लोगो को
अरे उस वक्त को याद कर जब तू अलग था,

अरे वो वक्त याद कर जब तू ट्रेन में बैठा था,

अरे उस मुसाफिर को याद कर जिसे Teacher बनने की ट्रेन

में बोला था,
याद आ गये ना वो दिन जब सपनों को इज्जत माना

जाता था,
याद आ गये ना वो दिन जब दोस्त को पढाई के बहाने

ना बोला जाता था
याद कर वो दिन जब अकेले में किसी को कहा था

की Teacher बनूंगा,
क्यों चुप है अब, क्यों सोया है अब , अरे दो दिन में

पहाड़ नही उखड़ते
अरे अपनी आत्मा को जगा,, अपनी शक्ति को

पहचान,, मेरे दोस्त
तू ही एक है जो तेरे सपने पूरे कर पायेगा कोई और नही

याद कर उस मजदूर को जिसे रोटी नही मिलती,

याद कर उस बच्चे को जिसकी जिन्दगी प्लेटफार्म पर

पलती
अरे याद कर उस दिन को जब तेरी आँखों के सामने

अन्याय हुआ था,
याद कर वो दिन जिस दिन उस ऑफिस में तेरा काम

ना हुआ था,
याद कर जब कोई बाइक तेरे पास से ऐसे गुजारा मानो

अमीरी दिखा रहा है,
याद आया वो दिन जब बहन के साथ था और सोच

रहा था कब घर आयेगा
याद कर माँ की वो कहानी जिसके बाद माँ रोई थी

अरे क्या ये जुल्म नही और तू हिम्मत हारा तो कौन

खत्म करेगा इन्हें?
भूखे को रोटी कौन दिलाएगा? सडक पर पैदा हुऐ

बच्चे को कौन स्कूल दिखलायेगा,

अरे सब बदलना चाहता है न तू ,दुराचारियो से बदला

लेना चाहता हे ना तू
अरे अपने लिए नही अपने देश के लिए ही सही

अरे उस लडकी के लिए ही सही जो अच्छी लगती थी

पर नौकरी न होने से दिल में ही अच्छी लगती रही

अरे अपने घर को याद कर जिसका छप्पर अभी नही

बदला
अरे पिता को याद कर जो तेरे बारे में मोहल्ले भर में

बोला करते हैं
अरे माँ को याद कर ,माँ को कहता था न तू की तेरा

बेटा मास्टर होगा
बहन को क्या बोला था की तेरी शादी जोरो से

करूंगा
बता क्या मायूस होना हल है,क्या चुप रहना हल है?

नहीं, तो फिर सोचता क्या है उठा किताब पढ़ डाल

मनोविज्ञान
पढ़ डाल हिन्दी पढ़ डाल संस्कृत पढ डाल

अंग्रेजी
पढ़ डाल पर्यावरण पढ़ डाल विज्ञान , करेंट की

चिंता मत कर
करेंट तू खुद बनायेगा कल तू भी कुछ होगा

अरे प्रतियोगिता दर्पण ,क्रोनिकल ,योजना

कुरुक्षेत्र ,विज्ञान प्रगति में तेरा फोटो होगा

कोई पढ़ेगा तेरे सपनों का भारत और उसमे ये होगा

गरीब को सहारा ,भूखे को रोटी ,लाचार को प्यार

पिता जी को सम्मान ,मॉ के आँचल की शक्ति ,बहन

की सुरक्षा
ऐसा होगा तेरा लिखा भारत ,जो जरूर छपेगा
अब कोई तुझे रोक नही सकता, तो उठा किताब और

दिखा दे
की तू सच्चा दोस्त है, भाई है ,बेटा है ,

देश भक्त है ,नेक इन्सान है ,दयावान है ।

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